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कविता

बच्चों की पुकार

अमरसिंह रमण


धर्म के ठेकेदारों सुन लो हम बच्‍चों की पुकार
धार्मिक बनने से पहले शुद्ध करो संस्‍कार

धार्मिक तो वह है
जो तन-मन-धन करे दूसरों का सुखी संसार
प्रशंसा के योग्‍य वह है
जो उपकारों के लिए करे प्रयत्‍न
मनुष्‍य तो वह है
जो न्‍याय, सत्‍य और ईमानदारी को करे ग्रहण
पुरोहित तो वह है
जो अपने पुर के लिए कुछ कर सके
सत्‍याग्रह से
गुलाम भारत आजाद हो गया
सत्‍याग्रह का
करो जीवन में भपूर आग्रह

 


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